Operation Sindoor: 26 ka Badla eBook
"22 अप्रैल 2025" — कश्मीर के पहलगाम में एक शांत और श्रद्धा से भरा दिन, पलभर में खून और चीखों से भर गया।
26 निर्दोष तीर्थयात्रियों की निर्मम हत्या ने पूरे भारत को झकझोर कर रख दिया।
इसी दिल दहला देने वाली घटना के बाद जन्म लेता है –
ऑपरेशन सिंदूर — एक काल्पनिक लेकिन बेहद भावनात्मक कहानी,
जिसमें न्याय की माँग सिर्फ लफ्ज़ों में नहीं,
देश के सपूतों की चुप्पी, बलिदान और साहस में दिखाई देती है।
यह कहानी केवल बदले की नहीं,
बल्कि मानवता, राष्ट्रभक्ति और विवेकपूर्ण प्रतिरोध की है।
पुस्तक में रोमांच, साज़िश, राजनीति, अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति, और लोगों की भावनाओं का ऐसा समागम है
जो पाठक को अंत तक बाँधे रखेगा।
अगर आप एक ऐसी कहानी पढ़ना चाहते हैं जो सिर्फ रोमांचक नहीं बल्कि दिल से जुड़ती है,
तो ऑपरेशन सिंदूर आपके लिए है।
"Operation Sindoor" एक काल्पनिक लेकिन संवेदनशील राष्ट्रकथा है, जो 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए एक भयावह आतंकी हमले से जन्म लेती है। 26 निर्दोष श्रद्धालुओं की निर्मम हत्या से पूरा देश स्तब्ध रह जाता है। सरकार, सुरक्षा बल और खुफिया एजेंसियाँ एक साथ जुटती हैं — और चुपचाप आकार लेता है एक विशेष सैन्य अभियान: "ऑपरेशन सिंदूर" — जिसका नाम ही प्रतीक है उन सुहागिनों के उजड़े सिंदूर का, जिनके पति उनके सामने मार दिए गए। यह कहानी उस निर्णायक क्षण की है, जब देश ने आँसू नहीं, जवाब देने का संकल्प लिया।